इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाम पेट्रोल स्कूटर: कौन है 2025 में बेहतर विकल्प?
जानें 2025 में इलेक्ट्रिक स्कूटर और पेट्रोल स्कूटर दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। लेकिन भविष्य इलेक्ट्रिक का है। बढ़ते पेट्रोल दाम, प्रदूषण और सरकारी नीतियाँ साफ़ इशारा कर रही हैं कि आने वाले वर्षों में EVs (Electric Vehicles) ही भारतीय सड़कों पर राज करेंगे
इलेक्ट्रिक और पेट्रोल स्कूटर के फायदे-नुकसान, कीमत, माइलेज और भविष्य। कौन सा स्कूटर है 2025 में आपके लिए सही चुनाव?
भारत में दोपहिया वाहन हमेशा से आम जनता की पहली पसंद रहे हैं। लेकिन बढ़ती पेट्रोल की कीमतें, प्रदूषण और सरकार की ई-मोबिलिटी नीतियों ने इलेक्ट्रिक स्कूटर (EVs) को बड़ा विकल्प बना दिया है।
आज लोग अक्सर सोचते हैं — “क्या मुझे इलेक्ट्रिक स्कूटर लेना चाहिए या पेट्रोल स्कूटर ही सही रहेगा?”
यह सवाल अब सिर्फ बजट तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें पर्यावरण, भविष्य की तकनीक, चार्जिंग सुविधाएँ और लंबी अवधि का खर्च सब शामिल है।
1. शुरुआती कीमत (On-Road Cost)
- पेट्रोल स्कूटर: ₹70,000 से ₹1,20,000 तक।
- इलेक्ट्रिक स्कूटर: ₹80,000 से ₹1,50,000 तक (कुछ हाई-एंड मॉडल्स ₹2 लाख+ तक)।
👉 EV थोड़ा महंगा लगता है, लेकिन सरकार की FAME II सब्सिडी और स्टेट लेवल इंसेंटिव से इसकी कीमत घट जाती है।
2. ईंधन बनाम चार्जिंग लागत

- पेट्रोल स्कूटर: ₹100 का पेट्रोल ≈ 40–45 km 1 लीटर पेट्रोल (₹100 के करीब) में 40–45 किलोमीटर ही चल पाता है।
- EV स्कूटर: ₹10–15 की बिजली ≈ 70–100 km 70–100 किलोमीटर की दूरी सिर्फ ₹10–15 की चार्जिंग में तय कर लेते हैं।
👉 लंबे समय में EV स्कूटर 80% तक सस्ता पड़ता है।
3. मेंटेनेंस
- पेट्रोल स्कूटर में इंजन ऑयल, फिल्टर, क्लच, गियरबॉक्स जैसी चीज़ों पर खर्च आता है।
- EV में केवल बैटरी और मोटर — बहुत कम मूविंग पार्ट्स, मेंटेनेंस न्यूनतम।
👉 EV में 5 साल तक मेंटेनेंस कॉस्ट लगभग 40–50% कम होता है।
4. माइलेज और रेंज
- पेट्रोल स्कूटर: 40–55 kmpl.
- EV स्कूटर: 80–150 km (मॉडल और बैटरी पर निर्भर)।
👉 शहर के रोज़मर्रा के लिए EV काफी है, लेकिन लंबी यात्राओं में पेट्रोल स्कूटर अभी भी भरोसेमंद है।
5. चार्जिंग और फ्यूलिंग
- पेट्रोल स्कूटर: 2 मिनट में पेट्रोल भरकर चल पड़ो।
- EV स्कूटर: चार्जिंग में 3–5 घंटे (फास्ट चार्जिंग ≈ 1 घंटा)।
👉 EV उन लोगों के लिए बेहतर है जिनके पास घर/ऑफिस में चार्जिंग पॉइंट है।
6. बैटरी और लाइ
- EV बैटरी की उम्र 5–7 साल होती है।
- बैटरी बदलने का खर्च ₹40,000–60,000 तक आ सकता है।
- कई कंपनियाँ बैटरी वारंटी देती हैं।
7. पर्यावरण पर असर
- पेट्रोल स्कूटर: धुआं, कार्बन उत्सर्जन, प्रदूषण।कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसें छोड़ते हैं।
- EV स्कूटर: जीरो टेलपाइप एमिशन, पर्यावरण अनुकूल प्रदूषण कम, कार्बन फुटप्रिंट घटाने में मददगार।
👉 क्लाइमेट चेंज और सरकार की नीतियों के हिसाब से EV बेहतर भविष्य है।
8. सरकार की नीतियाँ और सब्सिडी
भारत सरकार EV को बढ़ावा देने के लिए:
- FAME II सब्सिडी (₹15,000 प्रति kWh तक)।
- कई राज्यों में रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस माफ।
- EV चार्जिंग स्टेशनों की तेजी से बढ़ती संख्या।
- 2025 तक इलेक्ट्रिक स्कूटर की बिक्री 40% तक पहुँचने का अनुमान है।
- पेट्रोल स्कूटर का मार्केट धीरे-धीरे सिकुड़ रहा है।
9. रीसेल वैल्यू
- पेट्रोल स्कूटर की सेकेंड हैंड मार्केट अच्छी है।
- EV की रीसेल वैल्यू अभी कम है लेकिन आने वाले 3–4 साल में बेहतर होगी।
किसे चुनना चाहिए?
- अगर आप शहर के अंदर रोज़ाना 30–50 किमी का सफर करते हैं, तो इलेक्ट्रिक स्कूटर आपके लिए सबसे अच्छा है।
- अगर आपको लंबी दूरी, हाईवे और त्वरित ईंधन भराई चाहिए, तो फिलहाल पेट्रोल स्कूटर उपयोगी रहेगा।
10. भविष्य की संभावनाएँ
- EV मार्केट 2030 तक 10 गुना बढ़ने की संभावना।
- बैटरी तकनीक (Solid State, Fast Charging) EV को और आकर्षक बनाएगी।
- पेट्रोल स्कूटर धीरे-धीरे घटेंगे, खासकर शहरों में।
निष्कर्ष
अगर आप लॉन्ग टर्म सेविंग और पर्यावरण को प्राथमिकता देते हैं तो इलेक्ट्रिक स्कूटर बेहतर विकल्प है।
2025 में इलेक्ट्रिक स्कूटर और पेट्रोल स्कूटर दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। लेकिन भविष्य इलेक्ट्रिक का है। बढ़ते पेट्रोल दाम, प्रदूषण और सरकारी नीतियाँ साफ़ इशारा कर रही हैं कि आने वाले वर्षों में EVs (Electric Vehicles) ही भारतीय सड़कों पर राज करेंगे।
लेकिन अगर आपकी यात्राएँ लंबी हैं और चार्जिंग सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, तो अभी के लिए पेट्रोल स्कूटर भी प्रैक्टिकल है।
👉 आने वाले 3–5 साल में EVs भारत के टू-व्हीलर बाजार पर पूरी तरह हावी हो सकते हैं।