1 किलो में बनने वाला आजोला चारा: पशुपालन की क्रांति

₹1 किलो में बनने वाला आजोला चारा: पशुपालन की क्रांति और किसानों का नया हथियार

जानिए कैसे ₹1 प्रति किलो में तैयार होने वाला आजोला चारा किसानों के लिए दूध उत्पादन बढ़ाने और चारे की लागत घटाने में गेमचेंजर साबित हो रहा है।

भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन का बहुत बड़ा योगदान है। दूध उत्पादन हो या खेती में बैल और भैंस की मदद, मवेशियों के बिना किसान अधूरा है। लेकिन आज किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या है – पशुओं के चारे की बढ़ती लागत

इसी समस्या का समाधान है – आजोला (Azolla) खेती।

आजोला एक पानी में उगने वाली फर्न जैसी हरी पौधा है, जो बेहद पोषक तत्वों से भरपूर है और मवेशियों के लिए सुपरफूड माना जाता है। सबसे खास बात यह है कि इसकी लागत मात्र ₹1 प्रति किलो पड़ती है, जिससे किसान चारे पर आने वाले खर्च को 70–80% तक घटा सकते हैं।

आजोला क्या है?

  • आजोला एक जल पौधा (aquatic fern) है।
  • यह तालाब, टब या प्लास्टिक की शीट से बने छोटे गड्ढे में आसानी से उगाया जा सकता है।
  • इसमें प्रोटीन (20–25%), कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, फॉस्फोरस और विटामिन A, B12, बीटा कैरोटीन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
  • इसका सेवन पशु आसानी से कर लेते हैं और दूध उत्पादन व वजन बढ़ाने में यह बेहद कारगर है।

आजोला खेती कैसे करें? (Step by Step Process)

आजोला चारा – ₹1 प्रति किलो तैयार हरा पौधा, दूध उत्पादन बढ़ाने वाला सस्ता विकल्प
A stone fountain with water fern or Azolla and falling leaves in the water in the garden of Orto botanico di Pisa, Pisa city, Tuscany, Italy
  1. जगह का चयनकरें:

    • खेत के कोने, छत या आँगन में 6×4 फीट का गड्ढा खोद लें।
    • गहराई लगभग 1 फीट रखें।
  2. लाइनिंग करें:

    • गड्ढे में पॉलिथीन/तिरपाल बिछाएं ताकि पानी नीचे न रिसे।
  3. मिट्टी और खाद डालें:

    • इसमें 10–15 किलो मिट्टी और 2 किलो गोबर मिलाएं।
    • यह बेस लेयर बनेगी।
  4. पानी भरें:

    • गड्ढे में 8–10 इंच तक पानी भरें।
  5. आजोला कल्चर डालें:

    • किसी नजदीकी कृषि केंद्र या डेयरी से आजोला कल्चर लाकर पानी में छोड़ दें।
  6. देखभाल करें:

    • रोज पानी का लेवल देखें।
    • हर 10–15 दिन में थोड़ा गोबर और सुपरफॉस्फेट डालें।

👉 सिर्फ 7–10 दिन में पूरा गड्ढा आजोला से भर जाएगा।

लागत और उत्पादन

  • सेटअप की लागत: ₹500–1000 (एक गड्ढा बनाने में)
  • रोजाना उत्पादन: 1–1.5 किलो आजोला
  • लागत: करीब ₹1 प्रति किलो
  • फायदा: एक गड्ढे से रोजाना 2–3 गाय/भैंस का चारा मिल सकता है।

पशुओं के लिए आजोला के फायदे

आजोला चारा – ₹1 प्रति किलो तैयार हरा पौधा, दूध उत्पादन बढ़ाने वाला सस्ता विकल्प
A Palestinian farmer inspects Azolla plants on his land in Beit Lahiya, southern Gaza Strip, 05 August 2019. For the first time, Palestinian farmers are cultivating this type of plant because of the high price of animal feed in the Gaza Strip due to Israeli restrictions on imports and lack of income. The Azolla plant has enormous potential as a livestock feed due to its high content in proteins, essential amino acids, vitamins (vitamin A, vitamin B12, Beta Carotene), growth promoter intermediaries and minerals and its ability to proliferate without inorganic nitrogen fertilization. (Photo by Majdi Fathi/NurPhoto via Getty Images)
  1. दूधउत्पादन में वृद्धि:

    • दूध की मात्रा 10–20% तक बढ़ जाती है।
    • दूध में फैट और SNF (Solid Not Fat) की गुणवत्ता सुधरती है।
  2. कम लागत, ज्यादा पोषण:

    • परंपरागत चारे के मुकाबले बेहद सस्ता।
    • हरे चारे से ज्यादा प्रोटीन और मिनरल।
  3. पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर:

    • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
    • वजन तेजी से बढ़ता है।
  4. सालभर उपलब्धता:

    • यह किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है

किसानों के लिए फायदे

  • दूध उत्पादन से आमदनी बढ़ेगी।
  • चारे की लागत 70% तक कम होगी।
  • छोटे किसान भी बिना बड़े खर्च के पशुपालन कर सकेंगे।
  • अतिरिक्त आजोला बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी संभव।

भारत में आजोला खेती की बढ़ती लोकप्रियता

आजोला चारा – ₹1 प्रति किलो तैयार हरा पौधा, दूध उत्पादन बढ़ाने वाला सस्ता विकल्प
A Palestinian farmer displays an Azolla plant on his land in Beit Lahiya, southern Gaza Strip, 05 August 2019. For the first time, Palestinian farmers are cultivating this type of plant because of the high price of animal feed in the Gaza Strip due to Israeli restrictions on imports and lack of income. The Azolla plant has enormous potential as a livestock feed due to its high content in proteins, essential amino acids, vitamins (vitamin A, vitamin B12, Beta Carotene), growth promoter intermediaries and minerals and its ability to proliferate without inorganic nitrogen fertilization. (Photo by Majdi Fathi/NurPhoto via Getty Images)
  • कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) किसान भाइयों को आजोला खेती सिखा रहे हैं।
  • कई डेयरी कोऑपरेटिव आजोला आधारित चारा अपनाकर दूध उत्पादन में बढ़ोतरी कर रहे हैं।
  • यह तकनीक खासकर गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और बिहार में तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

आजोला बनाम पारंपरिक चारा

पहलू

पारंपरिक चारा

आजोला चारा

लागत (₹/किलो) 8–12 रुपये 1 रुपया
पोषण स्तर सामान्य उच्च प्रोटीन + मिनरल्स
उपलब्धता मौसमी सालभर
उत्पादन समय 60–90 दिन 7–10 दिन

आजोला के उपयोग

आजोला चारा – ₹1 प्रति किलो तैयार हरा पौधा, दूध उत्पादन बढ़ाने वाला सस्ता विकल्प
BARMAH FOREST, VIC, AUSTRALIA – OCTOBER 11: The broken Creek blanketed by Azolla, a floating, aquatic fern October 11, 2007 in the Barmah Forest, Victoria, Australia. The fern is able to flourish due to slow water backed up behind the weir. The fern stops light from getting to the water and increases bacteria, which literally chokes fish to death. This slowed down system is the result of drought and river regulation. The Murray-Darling Basin of Australia has been plagued with severe drought since the late 1990’s and many growers and policy makers are being forced to work on implementing more efficient irrigation systems. (Photo by Amy Toensing/Getty Images)
  • गाय, भैंस, बकरी का दूध बढ़ाने में
  • मुर्गी पालन में – अंडों की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने में
  • सूअर पालन में वजन बढ़ाने में
  • मछली पालन में प्राकृतिक फीड के रूप में

निष्कर्ष

₹1 प्रति किलो में तैयार होने वाला आजोला चारा किसानों के लिए कम लागत, ज्यादा मुनाफा और पशुपालकों के लिए सस्टेनेबल समाधान है।

आजोला खेती को अपनाकर न केवल चारे की समस्या खत्म की जा सकती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाया जा सकता है।

👉 आने वाले समय में यह तकनीक भारत की डेयरी इंडस्ट्री में क्रांति ला सकती है।

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