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पॉलीहाउस, ग्रीन हाउस लगाने पर सरकार दे रही हैं 50 लाख तक अनुदान

पॉलीहाउस, ग्रीन हाउस लगाने पर सरकार दे रही हैं 50 लाख तक अनुदान 78% तक का लाभ कैसे ले पूरी जानकारी विस्तार से है।

पॉलीहाउस, ग्रीन हाउस लगाने पर सरकार दे रही हैं 50 लाख तक अनुदान
पॉलीहाउस, ग्रीन हाउस लगाने पर सरकार दे रही हैं 50 लाख तक अनुदान

राजस्थान सरकार ने राज्य में कृषि उत्पादन और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए “संरक्षित खेती मिशन” (Protected Cultivation Mission) की शुरुआत की, जिसके अंतर्गत ग्रीन हाउस, शेड नेट हाउस, मिस्ट चैंबर, और पॉलीहाउस जैसे संरचनाओं को अपनाने पर सब्सिडी और तकनीकी सहायता दी जाती है।

1. संरक्षित खेती क्या है?

संरक्षित खेती एक ऐसी तकनीक है जिसमें जलवायु नियंत्रित ढांचे (जैसे पॉलीहाउस, ग्रीन हाउस, शेड नेट हाउस) के अंदर फसलें उगाई जाती हैं। इसमें तापमान, आर्द्रता, प्रकाश, जल और पोषक तत्वों को नियंत्रित करके फसलों की गुणवत्तापूर्ण और उच्च उत्पादन प्राप्त किया जाता है।पॉलीहाउस, ग्रीन हाउस लगाने पर सरकार दे रही हैं 50 लाख तक अनुदान

इसका मुख्य उद्देश्य:

2. राजस्थान में संरक्षित खेती मिशन की आवश्यकता क्यों पड़ी?

राजस्थान की भौगोलिक और जलवायु स्थिति को देखते हुए:

इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने संरक्षित खेती मिशन के तहत किसानों को आधुनिक तकनीकों से लैस करने की दिशा में कदम उठाए।

3. संरक्षित खेती मिशन के अंतर्गत आने वाली संरचनाएं

(A) ग्रीन हाउस (Green House):

प्रकार:

  1. Naturally Ventilated Green House (स्वतः वायुवान)
  2. Fan & Pad Green House (कृत्रिम तापमान नियंत्रित)

(B) शेड नेट हाउस (Shade Net House):

(C) पॉलीहाउस (Polyhouse):

(D) मिस्ट चैंबर (Mist Chamber):

  • इसका उपयोग पौधों की नर्सरी तैयार करने के लिए किया जाता है।
  • राजस्थान सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी (2024-25 के अनुसार)राजस्थान सरकार ने किसानों को संरक्षित खेती के लिए भारी अनुदान (सब्सिडी) देने की व्यवस्था की है। यह सब्सिडी निम्नलिखित आधार पर दी जाती है:

    पात्रता शर्तें और आवेदन प्रक्रिया

    पात्रता:

    • राजस्थान का स्थायी निवासी किसान
    • कृषक के नाम भूमि का दस्तावेज़
    • आधार कार्ड, बैंक पासबुक और भूमि की जमाबंदी
    • किसान पंजीकरण

    आवेदन प्रक्रिया:

    1. राजस्थान कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करें।
    2. ई-मित्र या कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर आवेदन भर सकते हैं।
    3. आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें:
      • पहचान पत्र
      • भूमि प्रमाण पत्र
      • बैंक खाता विवरण
    4. तकनीकी निरीक्षण के बाद आवेदन स्वीकृत होगा और अनुदान स्वीकृति पत्र मिलेगा।

    7. किन फसलों की खेती की जा सकती है ग्रीन हाउस में?

    ग्रीन हाउस में उन फसलों की खेती की जाती है जो उच्च मूल्य की होती हैं, और जिनके लिए नियंत्रित वातावरण की आवश्यकता होती है:

    फल-सब्जियां:

    • शिमला मिर्च (Capsicum)
    • टमाटर (Tomato)
    • खीरा (Cucumber)
    • ब्रोकली
    • लेट्यूस

    फूल:

    • गुलाब (Rose)
    • जरबेरा (Gerbera)
    • ग्लैडिओलस
    • कार्नेशन

    औषधीय पौधे:

    • अश्वगंधा
    • तुलसी
    • एलोवेरा

    8. ग्रीन हाउस की लागत और कमाई का अनुमान

    मान लीजिए 1000 मि² ग्रीन हाउस बनवाया|

    उत्पादन और कमाई:

    • 1000 मि² में शिमला मिर्च की 3 फसलें ली जा सकती हैं
    • प्रति फसल औसतन 8,000 – 10,000 किग्रा उत्पादन
    • बाजार दर ₹25-₹30 प्रति किग्रा = ₹7.5 लाख – ₹9 लाख सालाना आमदनी

    लाभ: किसान पहले ही वर्ष में लागत वसूल कर सकता है।

    9. चुनौतियाँ और सुझाव

    चुनौतियाँ:

    • प्रारंभिक लागत अधिक होती है (हालांकि सब्सिडी उपलब्ध है)
    • तकनीकी जानकारी और प्रशिक्षण की कमी
    • बिजली और जल की आवश्यकता बनी रहती है
    • बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव

    सुझाव:

    • कृषि विज्ञान केंद्रों और सरकारी प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जानकारी प्राप्त करें
    • समूह में खेती करें जिससे लागत कम हो
    • सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं
    • उत्पादन के बाद मूल्यवर्धन (Processing) कर अधिक मुनाफा कमाएं

    10. प्रेरणादायक उदाहरण

    उदाहरण:

    भीलवाड़ा जिले के श्री रमेश मीणा ने 2000 मि² क्षेत्र में ग्रीन हाउस लगाया और शिमला मिर्च की खेती शुरू की। पहले ही वर्ष में ₹15 लाख की उपज ली। उन्होंने 70% सब्सिडी प्राप्त की और कृषि विभाग की मदद से मार्केटिंग की सुविधा भी प्राप्त की।

    • निष्कर्ष

      राजस्थान जैसे राज्य में जहां प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं, वहां संरक्षित खेती मिशन विशेषकर ग्रीन हाउस तकनीक किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि प्रदेश में कृषि नवाचार और टिकाऊ खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी, प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग का लाभ उठाकर किसान अपनी आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं।

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