India–UK FTA 2025: भारत-कनेक्टेड व्यापार में ऐतिहासिक छलांग और भविष्य की संभावनाएँ
India–UK FTA 2025 से भारत के व्यापार, रोजगार और निवेश के अवसरों पर पड़ने वाले असर को विस्तार से जानें। इस ऐतिहासिक समझौते के फायदे, चुनौतियाँ और भविष्य की संभावनाएँ पढ़ें।
भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच लंबे समय से चल रही मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement – FTA) वार्ता आखिरकार 2025 में ऐतिहासिक मुकाम पर पहुँच गई। इस समझौते को दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है। FTA का उद्देश्य न केवल व्यापार में वृद्धि करना है बल्कि निवेश, तकनीकी सहयोग और रोजगार के नए अवसर पैदा करना भी है।
FTA का महत्व
FTA के तहत दोनों देशों ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर आयात शुल्क (Import Duty) को कम या खत्म करने पर सहमति जताई है। इसका मतलब है कि भारतीय कंपनियाँ UK बाज़ार में आसानी से अपने उत्पाद बेच पाएंगी और ब्रिटिश कंपनियाँ भी भारतीय बाज़ार में अपनी पकड़ मजबूत कर सकेंगी।
- भारतीय निर्यातकों को लाभ: वस्त्र, IT सेवाएँ, फार्मा, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, कृषि उत्पाद
- ब्रिटेन के निर्यातकों को लाभ: मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, लग्जरी प्रोडक्ट्स, शिक्षा सेवाएँ
भारत-UK FTA 2025 के प्रमुख फायदे

1. निर्यात में वृद्धि
FTA के लागू होने से भारत के उत्पादों को यूके में कम टैरिफ के साथ एक्सपोर्ट किया जा सकेगा। विशेष रूप से कृषि उत्पाद, आईटी सेवाएं, फार्मास्यूटिकल्स और टेक्सटाइल सेक्टर के लिए यह बड़ा अवसर है।
2. विदेशी निवेश में वृद्धि
FTA से यूके निवेशक भारत में नए प्रोजेक्ट्स और व्यवसाय खोलने के लिए आकर्षित होंगे। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
3. तकनीकी और ज्ञान का आदान-प्रदान
UK के उन्नत तकनीक और प्रबंधन कौशल का लाभ भारतीय कंपनियां उठा सकती हैं। यह विनिर्माण, डिजिटल टेक्नोलॉजी और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का मार्ग खोल सकता है।
4. छोटे और मध्यम व्यवसायों (SMEs) को फायदा
FTA के कारण भारतीय SMEs के लिए यूके मार्केट में प्रवेश आसान होगा। कम टैरिफ और आसान प्रक्रियाओं से इन व्यवसायों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा का अवसर मिलेगा।
5. रोज़गार सृजन
निर्यात और निवेश में वृद्धि से नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे खासकर युवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अवसर बढ़ेंगे।
कौन-कौन से सेक्टर होंगे सबसे ज्यादा लाभान्वित?

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सूचना प्रौद्योगिकी (IT)
- भारत की IT इंडस्ट्री पहले से ही UK में मजबूत है। अब टैक्स में राहत से TCS, Infosys, Wipro जैसी कंपनियों के लिए नए प्रोजेक्ट्स की संभावना बढ़ेगी।
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फार्मास्यूटिकल्स
भारतीय दवाइयों की गुणवत्ता और किफायती दाम UK के लिए आकर्षक हैं। FTA से इन पर टैक्स कम होने से निर्यात बढ़ेगा।
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टेक्सटाइल और परिधान
भारतीय हैंडलूम, कॉटन और सिल्क उत्पाद अब UK में सस्ते मिलेंगे, जिससे छोटे कारोबारियों को फायदा होगा।
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ऑटोमोबाइल और पुर्ज़े
भारतीय ऑटो पार्ट्स कंपनियाँ UK बाज़ार में आसानी से अपने प्रोडक्ट भेज पाएंगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

यह समझौता भारत के लिए GDP ग्रोथ में 0.5% से 1% तक का योगदान दे सकता है।
- निर्यात में वृद्धि – UK में भारतीय प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ेगी।
- रोजगार के अवसर – मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस सेक्टर और लॉजिस्टिक्स में नई नौकरियाँ।
- विदेशी निवेश – ब्रिटेन की कंपनियाँ भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने में रुचि लेंगी।
छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स के लिए अवसर
FTA का फायदा केवल बड़ी कंपनियों को नहीं मिलेगा, बल्कि ई-कॉमर्स, कृषि उत्पाद निर्यात और हैंडक्राफ्ट्स जैसे सेक्टर्स में भी छोटे व्यापारियों के लिए रास्ते खुलेंगे।
चुनौतियाँ और जोखिम
- UK से आने वाले उत्पाद भारतीय बाज़ार में प्रतिस्पर्धा बढ़ा सकते हैं।
- गुणवत्ता मानकों (Quality Standards) का पालन करना भारतीय निर्यातकों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।
- दोनों देशों के बीच मुद्रा विनिमय दर (Exchange Rate) में उतार-चढ़ाव का असर।
भविष्य की संभावनाएँ

भारत-UK FTA को एक स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के रूप में देखा जा रहा है। यह समझौता आने वाले वर्षों में शिक्षा, पर्यटन, रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ा सकता है।
निष्कर्ष
भारत–UK FTA 2025 केवल व्यापारिक समझौता नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करने का एक नया अध्याय है। यह भारतीय निर्यातकों, निवेशकों और उपभोक्ताओं सभी के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आया है।
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